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कृषि राज्य मंत्री द्वारा कृषि ज्ञान प्रबंध कार्यशाला का उद्घाटन

केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की ओर से ‘भारत में कृषि ज्ञान प्रबंधन पर मार्गदर्शिका के विकास‘ विषय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का आज नास परिसर, नई दिल्ली में उद्घाटन किया गया। अपने संबोधन में मंत्री महोदय ने देश में कृषि क्षेत्र में सृजित सूचनाओं एवं जानकारियों के आईटी तकनीकों के इस्तेमाल से कृषक समुदाय के बीच तीव्र गति से साझा करने को आज की सबसे बड़ी आवश्यकता एवं चुनौती बताई।

इस कार्यशाला में श्री छबिलेन्द्र राउल, अपर सचिव, डेयर एवं सचिव भाकृअनुप; श्री एस. एन. त्रिपाठी, अपर सचिव, डेयर एवं वित्त सलाहकार, भाकृअनुप; डा. अजीत मारु, एफएओ के पूर्व नॉलेज अधिकारी; डा. रामेश्वर सिंह, कुलपति, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (पटना) भी उपस्थित थे।

कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री ने अपने अभिभाषण के दौरान भाकृअनुप की उपलब्धियों की सराहना की और कहा कि कृषि वैज्ञानिकों द्वारा विकसित उन्नत किस्मों और देश के कृषकों द्वारा बड़े पैमाने पर उन्हें अपनाए जाने के कारण ही आज देश में सरप्लस खाद्यान्न भंडार हैं जबकि एक जमाने में लाखों लोगों को भुखमरी के कारण अपने प्राण गंवाने पड़ते थे।

श्री शेखावत ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्ष 2022 तक कृषकों की आमदनी को दुगुना करने के संकल्प को दोहराते हुए उपस्थित वैज्ञानिक समुदाय से इस दिशा में बढ़-चढ़कर योगदान करने का भी आह्वान किया। इससे पूर्व श्री छबिलेन्द्र राउल, अपर सचिव, डेयर एवं सचिव, भाकृअनुप और श्री एस. एन. त्रिपाठी, अपर सचिव, डेयर एवं वित्त सलाहकार, भाकृअनुप ने भी सभा को संबोधित किया।

उद्घाटन सत्र के दौरान डा. अजीत मारु, पूर्व अधिकारी, एफएओ ने वैश्विक स्तर पर कृषि ज्ञान प्रबंधन में आधुनिक आईसीटी आधारित तरीकों के प्रभावी इस्तेमाल पर विद्धतापूर्ण व्याख्यान दिया। इस कार्यशाला का आयोजन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अंतर्गत कार्यरत कृषि ज्ञान प्रबंध निदेशालय (डीकेएमए) द्वारा किया गया है। निदेशालय के परियोजना निदेशक डा. एस. के. सिंह ने इस दो दिवसीय कार्यशाला के विस्तृत कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी।

कार्यशाला में भाकृअनुप के उपमहानिदेशक, कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति, परिषद के देश के विभिन्न राज्यों में स्थित अनुसंधान संस्थानों के वैज्ञानिकों तथा छात्रों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।

Source:http://www.icar.org.in/



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