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विकसित एग्री फूड वैल्यू चेन से न केवल किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि कटाई एवं कटाई पश्चात होने वाला नुकसान भी काफी घट जाएगा

माननीय केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधामोहन सिंह ने ‘एग्री फूड वैल्यू चेन पार्टनरशिप्स-एंड टू एंड अप्रोच’ विषय पर आयोजित एसोचैम की दो दिवसीय प्रदर्शनियों, सम्मेलनों और गोलमेज बैठकों के उद्धघाटन समारोह में उपस्थित लोगों को सम्बोधित किया। श्री राधामोहन सिंह ने कहा कि अधिक पैदावार वाली फसलों की किस्में विकसित करने और देशवासियों के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ देश को एक निर्यातक देश बनाने में कृषि वैज्ञानिकों और किसानों का महत्वपूर्ण योगदान है।

उन्होंने बताया कि देश में खाद्यान्न का उत्पादन बढ़कर 285 मिलियन मीट्रिक टन और दालों का उत्पादन 25 मिलियन मीट्रिक टन तक पहुंच गया है, जबकि तिलहन का उत्पादन 31 मिलियन मीट्रिक टन है। दूध उत्पादन भी 165 मिलियन मीट्रिक टन तक हो गया है। उन्होंने मौजूदा खाद्यान्न उत्पादन क्षमता को बनाए रखने को कहा। इसके साथ ही उन्होंने देश में खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने और वैल्यू प्रोसेसिंग के लाभ किसानों को दिए जाने की आवश्यकता पर बल दिया है।

श्री सिंह ने बताया कि एग्री फूड वस्तुत: वैल्यू चेन का एक अभिन्न घटक है, जिसमें नवीन तकनीकों का उपयोग करके कच्चे कृषि खाद्य उत्पादों को खाद्य पदार्थों के रूप में बदला जाता है और इसके साथ ही संसाधित खाद्य पदार्थों को सुरक्षित भी रखा जाता है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कई तरह के रोजगार अवसर भी सृजित होते हैं। एक विकसित एग्री फूड वैल्यू चेन न केवल किसानों की आय बढ़ा सकती है और उपभोक्ताओं को इच्छित गुणवत्ता के उत्पाद उपलब्ध करा सकती है, बल्कि विभिन्न चरणों में होने वाले कटाई एवं कटाई पश्चात नुकसान को कम भी कर सकती है।

माननीय कृषि मंत्री ने बताया कि एग्री फूड वैल्यू चेन को स्थानीय, क्षेत्रीय, राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार एग्री फूड वैल्यू चेन संबंधी कार्यों में सभी तरह की सुविधाएं देने के लिए वचनबद्ध है। सरकार द्वारा वैल्यू चेन के प्रतिभागियों को एकीकृत करके सप्लाई चेन में कमी करने के लिए ‘ई-नाम’ को लांच किया गया है। अभी तक 585 मंडियों को ई-नाम पोर्टल के साथ पहले ही जोड़ा जा चुका है और अगले दो वर्षों के भीतर 415 अतिरिक्त मंडियों को जोड़े जाने को अंतिम रूप दिया गया है। उन्होंने बताया कि टमाटर, प्याज और आलू (टीओपी) के मूल्यों में उतार-चढ़ाव की समस्या दूर करने के लिए “ऑपरेशन फ्लड” की तर्ज पर “ऑपरेशन ग्रीन” लांच करते हुए इस वर्ष के बजट में 500 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता की घोषणा की गई है। इस योजना के अंतर्गत कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ), कृषि लॉजिस्टिक्स, प्रोसेसिंग सुविधाओं तथा प्रोफेशनल प्रबन्धन को बढ़ावा दिया जाना है।

श्री सिंह ने बताया कि एग्री फूड वैल्यू चेन से सम्बंधित मिशन फॉर इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर (एमआईडीएच) के अंतर्गत पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए मिशन आर्गेनिक वैल्यू चेन विकास योजना जनवरी 2016 में 400 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ अनुमोदित की गई है। इसके अलावा भारत सरकार ने 14वें वित्त आयोग चक्र की सह-समाप्ति के साथ वर्ष 2016 से लेकर वर्ष 2020 तक की अवधि के लिए एक नई केंद्रीय क्षेत्र स्कीम- प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना (कृषि-समुद्री प्रसंस्करण एवं कृषि-प्रसंस्करण क्लस्टर विकास स्कीम) का अनुमोदन दिया है। प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना एक व्यापक पैकेज है जिसके तहत खेत से लेकर खुदरा बिक्री केंद्रों तक आपूर्ति श्रृंखला के दक्ष प्रबंधन के साथ आधुनिक अवसंरचना का सृजन होगा ।

अपने सम्बोधन के आखिर में माननीय कृषि मंत्री ने कृषि क्षेत्र एवं किसानों की आय बढ़ाने और उनके कल्याण में योगदान व कृषि उत्पाद को बाजार से जुड़े उत्पाद बनाकर कृषक समुदाय तथा इसी तरह से उपभोक्ताओं को अपेक्षित गुणवत्ता के उत्पाद उपलब्ध कराने में एसोचैम के योगदान की सराहना करते हुए सभी उपस्थित अधिकारियों व कर्मचारियों से वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए किये जा रहे प्रयासों को नई गति प्रदान करने का आह्वान किया।

Source: http://pib.nic.in



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