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सरकारी कृषि योजना

दलहन को 15 रुपये प्रति किलोग्राम की केन्द्रीय सब्सिडी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने मूल्य समर्थन योजना के तहत किसानों से खरीदे जाने वाले दलहन को राज्यों को जारी करने को मंजूरी दे दी है।इसे मूल्य समर्थन योजनाओं (पीएसएस) के तहत खरीदे जाने वाले दलहन के भंडार से विभिन्न कल्याण योजनाओं के लिए राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों को कम दर पर जारी किया जाएगा।

प्रभावः
इस निर्णय से राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश जन वितरण प्रणाली, मिड-डे मिल इत्यादि विभिन्न कल्याण योजनाओं में दलहन का इस्तेमाल करने में सक्षम होंगे। इसके अलावा गोदामों की भी उपलब्धता तैयार की जाएगी, जिसकी मूल्य समर्थन योजना के तहत खरीदी जाने वाली जिंसो के भंडारण के लिए आगामी खरीफ मौसम में आवश्यकता हो सकती है।

विवरणः
इस स्वीकृत योजना के तहत राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश सरकारों को वर्तमान थोक बाजार मूल्य के मद्देनजर 15 रुपये प्रति किलोग्राम की कम दर के आधार पर 34.88 लाख मीट्रिक टन तूर, चना, मसूर, मूंग और उड़द दाल लेने का प्रस्ताव किया गया है, जो स्रोत राज्य के संबंध में पहले आओ पहले पाओ के आधार पर होगा। राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश सरकारें इस दलहन को मिड-डे मिल, जन वितरण प्रणाली, एकीकृत बाल विकास कार्यक्रम इत्यादि जैसी कल्याण योजनाओं में इस्तेमाल करेंगी। यह उपलब्धता 12 महीने की अवधि या 34.88 लाख मीट्रिक टन दलहन पूर्ण रूप से प्राप्त करने, जो भी पहले हो, के आधार पर होगी। सरकार इस योजना के कार्यान्वयन के लिए 5237 करोड़ रुपये खर्च करेगी।

पृष्ठभूमिः
पिछले दो वर्षों के दौरान देश में दलहन का अब तक का भारी उत्पादन हुआ है। मूल्य समर्थन योजना के तहत भारत सरकार ने खरीफ 2017 और रबी 2018 विपणन मौसम के दौरान दलहन की रिकॉर्ड खरीदारी की है। मूल्य समर्थन योजना के तहत दलहन की 45.43 लाख मीट्रिक टन की रिकॉर्ड खरीदारी की गई। आगामी खरीफ मौसम में दलहन का उत्पादन बेहतर होने की आशा है। न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी के मद्देनजर मूल्य समर्थन योजना के तहत अतिरिक्त खरीदारी की आवश्यकता होगी।

Source: http://pib.nic.in/



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